तू दोस्त किसी का भी सितमगर न हुआ था
औरों पे है वो ज़ुल्म कि मुझ पर न हुआ था

छोड़ा मह-ए-नख़शब[1] की तरह दस्त-ए-क़ज़ा[2] ने
ख़ुर्शीद[3] हनूज़ उस के बराबर न हुआ था

तौफ़ीक़[4] बअन्दाज़ा-ए-हिम्मत[5] है अज़ल से
आँखों में है वो क़तरा कि गौहर[6] न हुआ था

जब तक की न देखा था क़द-ए-यार का आ़लम
मैं मुअ़़तक़िद-ए-फ़ित्ना-ए-महशर[7] न हुआ था

मैं सादा-दिल, आज़ुर्दगी-ए-यार[8] से ख़ुश हूँ
यानी सबक़-ए-शौक़[9] मुकर्रर न हुआ था

दरिया-ए-मआ़सी[10] तुनुक-आबी[11] से हुआ ख़ुश्क
मेरा सर-ए-दामन[12] भी अभी तर न हुआ था

जारी थी असद दाग़-ए-जिगर से मेरी तहसील[13]
आतिशकदा[14] जागीर-ए-समन्दर न हुआ था

शब्दार्थ:
  1. नकली चाँद
  2. मौत का हाथ
  3. सूरज
  4. शक्ति
  5. साहस के मुताबिक
  6. मोती
  7. कयामत को उपदर्वी मानने वाला
  8. यार की उदासी
  9. प्रेम का पाठ
  10. पाप का दरिया
  11. पानी की कमी
  12. दामन का सिरा
  13. प्राप्ति
  14. आग का मंदिर
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel

Books related to दीवान ए ग़ालिब


चिमणरावांचे चर्हाट
नलदमयंती
सुधा मुर्ती यांची पुस्तके
सापळा
झोंबडी पूल
अश्वमेध- एक काल्पनिक रम्यकथा
श्यामची आई
गांवाकडच्या गोष्टी
खुनाची वेळ
लोकभ्रमाच्या दंतकथा
मराठेशाही का बुडाली ?
शिवाजी सावंत
कथा: निर्णय
मृत्यूच्या घट्ट मिठीत
पैलतीराच्या गोष्टी